वाराणसी मंडल ने रचा इतिहास, टीम के मार्गदर्शक श्री सोहन सिंह हुए भावुक,छलके अंशु
वाराणसी,पहली बार जीता प्रादेशिक बालिका क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब
डीएवी क्रीड़ा मैदान, कानपुर में आयोजित 69वीं प्रादेशिक विद्यालयीय बालिका क्रिकेट प्रतियोगिता में वाराणसी मंडल की शानदार जीत
कानपुर, 16 अक्टूबर 2025

वाराणसी मंडल की बालिका क्रिकेट टीम ने 69वीं प्रादेशिक विद्यालयीय बालिका क्रिकेट प्रतियोगिता में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पहली बार खिताब पर कब्ज़ा जमाया। यह प्रतियोगिता 13 से 16 अक्टूबर 2025 तक डीएवी क्रीड़ा मैदान, फूलबाग, कानपुर में आयोजित की गई थी।
इस अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ ही वाराणसी मंडल ने वर्षों की प्रतीक्षा और संघर्ष को समाप्त करते हुए अपने नाम पहला प्रादेशिक खिताब दर्ज किया, जो क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बन गया है।
सेवापुरी स्थित कालिकधाम इंटर कॉलेज के वरिष्ठ शिक्षक एवं टीम के मार्गदर्शक श्री सोहन सिंह ने इस ऐतिहासिक क्षण को अत्यंत भावुकता के साथ साझा किया। उन्होंने कहा:
“वाराणसी मंडल पूर्व में चार बार फाइनल तक पहुँचा, लेकिन खिताबी जीत से वंचित रहा। वह पीड़ा हमेशा भीतर तक कचोटती रही। यह मेरा सपना था कि अपने जीवन में एक बार वाराणसी को विजेता बनते देखूं। आज बेटियों ने वह सपना साकार कर दिया।”
वाराणसी मंडल ने रचा इतिहास, टीम के मार्गदर्शक श्री सोहन सिंह हुए भावुक,छलके अंशु
पहली बार जीता प्रादेशिक बालिका क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब
डीएवी क्रीड़ा मैदान, कानपुर में आयोजित 69वीं प्रादेशिक विद्यालयीय बालिका क्रिकेट प्रतियोगिता में वाराणसी मंडल की शानदार जीत
कानपुर, 16 अक्टूबर 2025
वाराणसी मंडल की बालिका क्रिकेट टीम ने 69वीं प्रादेशिक विद्यालयीय बालिका क्रिकेट प्रतियोगिता में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पहली बार खिताब पर कब्ज़ा जमाया। यह प्रतियोगिता 13 से 16 अक्टूबर 2025 तक डीएवी क्रीड़ा मैदान, फूलबाग, कानपुर में आयोजित की गई थी।
इस अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ ही वाराणसी मंडल ने वर्षों की प्रतीक्षा और संघर्ष को समाप्त करते हुए अपने नाम पहला प्रादेशिक खिताब दर्ज किया, जो क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बन गया है।
सेवापुरी स्थित कालिकधाम इंटर कॉलेज के वरिष्ठ शिक्षक एवं टीम के मार्गदर्शक श्री सोहन सिंह ने इस ऐतिहासिक क्षण को अत्यंत भावुकता के साथ साझा किया। उन्होंने कहा:

“वाराणसी मंडल पूर्व में चार बार फाइनल तक पहुँचा, लेकिन खिताबी जीत से वंचित रहा। वह पीड़ा हमेशा भीतर तक कचोटती रही। यह मेरा सपना था कि अपने जीवन में एक बार वाराणसी को विजेता बनते देखूं। आज बेटियों ने वह सपना साकार कर दिया।”






