
गाज़ीपुर। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “हर घर जल योजना 2019” के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वर्ष 2020-21 में गाज़ीपुर जनपद के ब्लॉक- सदर की ग्राम सभा छावनी लाइन अंतर्गत राजस्व ग्राम सरैयाँ और तुलसीपुर में पाइपलाइन बिछाने का कार्य पूर्ण किया गया था। किंतु अत्यंत खेदजनक तथ्य यह है कि लगभग पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी इन ग्रामों में जलापूर्ति प्रारंभ नहीं हो सकी है।
इस गंभीर समस्या को लेकर यूनाइटेड मीडिया पत्रकार एसोसिएशन एवं बौद्ध कल्याणकारी महिला उत्थान ट्रस्ट ने तहसील दिवस के अवसर पर सदर एसडीएम को एक मांग पत्र सौंपा। पत्र में बताया गया कि ग्रामवासियों को अब तक “हर घर नल से जल” योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, जिससे ग्रामीण जनजीवन अत्यधिक प्रभावित हो रहा है।
गौरतलब है कि दिनांक 03 सितंबर 2024 को इस संदर्भ में समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) के माध्यम से एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। उस पर प्रतिक्रिया देते हुए संबंधित जे.ई. शशिपाल यादव ने टिप्पणी दी कि जल योजना का रखरखाव ग्राम पंचायत के दायित्व में आता है। यह उत्तर जोकि विभागों के मध्य तालमेल की कमी को उजागर करता है, जिससे योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया बाधित हुई है।
योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है। जब पाइपलाइन पहले ही स्थापित की जा चुकी है, तो जलापूर्ति में हो रहा यह विलम्ब प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक है। ग्रामीणों की बुनियादी आवश्यकताओं की अनदेखी करना न केवल शासन की छवि को प्रभावित करता है, बल्कि यह उनके मौलिक अधिकारों का भी हनन है।
यूनाइटेड मीडिया पत्रकार एसोसिएशन ने मांग किया है कि ग्राम सरैयाँ, तुलसीपुर और आस-पास के क्षेत्रों में नल से जल आपूर्ति को तत्काल प्रभाव से आरंभ कराया जाए। साथ ही यह भी मांग की गई है कि जलापूर्ति बाधित होने के वास्तविक कारणों की जांच की जाए और लापरवाह कार्यदायी संस्था या कर्मचारी की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
इस जनहित को समर्थन देने वालों में उपेन्द्र यादव, राजकुमार मौर्य, विश्व बंधु कमांडर, सुनील कन्नौजिया, सोनू और हिमांशु मौर्य समेत कई जागरूक नागरिक उपस्थित रहे। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस महत्वपूर्ण विषय पर कितनी शीघ्र और प्रभावी कार्यवाही करता है।
