गाजीपुर: गाजीपुर बैकुंठ धाम में बने सार्वजनिक शौचालय को देखकर लोग कहने लगे हैं कि इससे बेहतर तो बिना शौचालय का ही था पूरे जिले से लोग शव को लेकर शमशान घाट पर दाह संस्कार करने के लिए आते हैं। शंका समाधान करने के लिए मात्र एक जरिया शौचालय हैं जहां पर वह तीन-चार घंटे के समय के अंतर्गत अपनी शंका का समाधान करते हैं लेकिन आज के परिवेश में सुलभ शौचालय की दैनिक स्थिति बद से बत्तर हो चुकी है शौचालय में पंखा तक लगाया गया था इनवर्टर बैटरी भी साथ में लगाया गया था।
आज सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी हैं शौचालय के लिए लगाए गए Commode में गंदगी फैली हुई हैं। उसमें दरवाजा तक गायब है। लोग मजबूरी में जब हिम्मत बनकर जाना चाहते भी हैं तो नहीं जा पाए क्योंकि उसमें जाने से लोगों का दाम घटने लगता है ऐसा नहीं है कि यह समस्या अधिकारी व नेताओं से वंचित होगी क्योंकि शमशान घाट एक ऐसी जगह है जहां पर नेता से लेकर अधिकारी तक का आना-जाना लगा रहता है।
इसके बावजूद भी इतनी बड़ी लापरवाही अपने आप में प्रश्न बनी हुई है। शौचालय के बाहरी दीवारों पर ग्रेनाइट तक लगाया गया था वह निरंतर सफाई के लिए समरसेबुल की भी व्यवस्था की गई थी लेकिन इतनी बड़ी व्यवस्था को देखने के लिए कोई भी केयर टेकर नजर नहीं आता हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सफाई को लेकर सख्त रवैया अपना रहे हैं उसके बावजूद भी अधिकारियों के कानों तक जु तक नहीं रेंग रही।

दीवाल पे ग्रेनाइट , नाली से भी गंदा सार्वजनिक शौचालय





