
चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राजतंत्र में भी लोकतंत्र की खुशबू डॉ जनक कुशवाहा
घोसी: जनपद मऊ के घोसी विधानसभा के चौथी मिल पर एक निजी स्कूल में अखण्ड भारत के निर्माता चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य की जयंती धूमधाम से मनाया गया पहले मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रोजोलित किया गया तत्पश्चात कार्यकर्ताओं ने सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया पश्चात कार्यकर्ताओं ने सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के इतिहास और शासन काल की वर्णन करते हुए कहा कि सम्राट चंद्रगुप्त के शासनकाल में प्रजा सुखी और निश्चित रहती थी

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा ने कहा कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक के इतिहास से प्रेरणा लेते हुए आज के युवाओं को इतिहास बनाने की आवश्यकता है जिस तरह से अपने भुज के बल पर उन्होंने पूरे भारत को एक सूत्र में बांधकर अखंड भारत निर्माण किया विश्व विजेता सिकंदर को अपने राज्य में हराकर वीरता का परिचय दिया विदेशी कूटनीति के तहद सेल्युकस से कूटनीति संबंध स्थापित कर अपने महानायक होने का प्रमाण पत्र विश्व में प्रस्तुत किया था वह एक मिसाल था आज हमें उसके रास्ते पर चलकर पुरे समाज के गौरव को स्थापित करने की आवश्यकता है

विशिष्ट अतिथि और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर जनक कुशवाहा ने कहा कि चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राजतंत्र में भी लोकतंत्र की खुशबू आती थी परंतु आज लोकतंत्र में भी राजतंत्र की बदबू जैसे माहौल प्रतीत हो रहे हैं चंद्रगुप्त मौर्य का केंद्रीय शासन को भी प्रांत और जिलों में बांटा गया था और उसे संचालित करने के लिए मंत्रिपरिषद और सचिवों की नियुक्ति होती थी जो जनता की भलाई के लिए कार्य करती थी परंतु आज देश में चुने हुए लोकतंत्र के संवैधानिक पदों पर बैठे हुए लोग भी सुप्रीम कोर्ट जैसे स्वास्थ्य संस्था पर भी उंगली उठाने का काम कर रहे हैं जो लोकतंत्र के लिए बहुत ही हानिकारक है आज की आवश्यकता है सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य से सीख लेकर के हमें जनता के लोक कल्याण के लिए कार्य करने की चाहिए
चंद्रगुप्त सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के आयोजन शैलेश मौर्य आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मौर्य वंश का इतिहास ही स्वर्ण युग के नाम से जाना जाता है और भारत को सोने की चिड़िया इसी मौर्य वंश के शासको के काल को कहा जाता है अतः हमारा एक अमिट इतिहास है जिसे कायम करने के लिए आज आगे बढ़कर अपने इतिहास को जानने की आवश्यकता है
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से जय मौर्य विकास कुशवाहा हरिलाल कुशवाहा माननीय नारायण सिंह सपना भारती पुष्पा मौर्या अंगद मौर्या संजय दीप कुशवाहा ओम प्रकाश कुशवाहा शिवलोचन पटेल राम आशीष मौर्य लोगों ने अपनी बात रख इसकी अध्यक्षता रामाज्ञा राजभर और संचालन सुरेन्द्र कुशवाहा ने किया