गाजीपुर में मकान ध्वस्तीकरण: न्यायालय के आदेश पर तीन थानों की पुलिस मौजूद, प्रभावित परिवार ने जताया विरोध
गाजीपुर जिले के कहोतरी गांव में स्थित एक विवादित मकान को सिविल न्यायालय के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिया गया। यह मकान पंडित रामकरण कन्नौजिया के नाम पर दर्ज था, जिनके तीन पुत्र—पप्पू, संतोष भीम कन्नौजिया, और संतोष कुमार—अपने परिवार सहित यहीं निवास करते थे।
परिवार का दावा है कि यह मकान वर्ष 1980 में मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बना था और यही उनकी एकमात्र निवास-स्थली थी। हालांकि प्रशासन ने सिविल जज जूनियर डिवीजन कक्ष संख्या 8, गाजीपुर के आदेश का पालन करते हुए यह कार्रवाई की।
ध्वस्तीकरण के दौरान भारी पुलिस बल तैनात
कार्रवाई के दौरान तीन थानों की पुलिस, महिला पुलिस बल सहित मौजूद रही। अमीन दिलीप कुमार यादव, अरडली राजेश कुमार यादव, व अन्य अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे।
फौज से रिटायर्ड फूलबदान की पैरवी पर कोर्ट का आदेश जारी हुआ, जिनकी याचिका के अनुसार भूमि विवादित बताई जा रही है।
महिलाओं और किन्नरों की मौजूदगी
कार्रवाई के दौरान कुछ महिलाओं ने उग्र विरोध जताया, जिन्हें पुलिस द्वारा ज़िप वाहन में बैठाकर शांत किया गया। शुरुआत में कुछ किन्नरों का जमावड़ा भी देखा गया, जो प्रशासन से वार्ता करते नजर आए।
भूमि विवाद की पृष्ठभूमि
उल्लेखनीय है कि मकान 31 एयर (गज) विवादित भूमि पर स्थित था। रामपुर मौजा और कबूतरी मौजा की सीमावर्ती स्थिति के चलते यह विवाद लम्बे समय से चल रहा था।
मौके पर सिर्फ रामकरण कन्नौजिया का परिवार उपस्थित रहे, बाकी पारिवारिक सदस्य अनुपस्थित थे।
परिवार का आरोप
परिवार का कहना है कि उन्हें इस कार्यवाही की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई और प्रशासन ने उनका आश्रय छीन लिया।








